16 फरवरी को मुजफ्फरपुर में तीनों कृषि कानूनों का विरोध कर रहे अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के साथियों पर विश्व हिन्दू परिषद के गुंडों द्वारा कायरतापूर्ण हमला किया गया, जिसमें कई साथी घायल हुए और सामान का नुक़सान हुआ। इसके खिलाफ में पटना के बुद्धा स्मृति पार्क के पास एक विरोध-प्रदर्शन किया गया। इस विरोध प्रदर्शन में भगत सिंह छात्र युवा संगठन की ओर से मैंने निम्नलिखित बातें कहीं-
मुजफ्फरपुर में अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के द्वारा शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे साथियों पर विश्व हिन्दू परिषद के गुंडों द्वारा किए गए हमले का भगत सिंह छात्र युवा संगठन घोर निंदा करता है और पुलिस प्रशासन से इसकी न्यायिक जांच कर दोषियों को उचित सजा देने की मांग करता है। भाजपा के द्वारा आए दिन इस तरह की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। पिछले 28 और 29 जनवरी को भी गाजीपुर और सिंघु बाॅर्डर पर स्थानीय ग्रामीणों के वेश में भाजपा के गुंडों ने किसानों पर हमला किया था। अपने राजनीतिक विरोधियों को दबाने का उनका यह तरीका बिल्कुल कायराना है। लेकिन वे भूल जाते हैं कि उनकी इसी बेवकूफी की वजह से किसान आंदोलन और तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है और पुनः हम भी दोगुने उत्साह से आगे बढ़ेंगे।
हम जन विरोधी तीनों कृषि कानूनों और चारों लेबर कोड के खिलाफ आंदोलन तेज करेंगे और बिहार की जनता को यह बताएंगे कि वर्तमान केन्द्र की मोदी सरकार और बिहार की नीतीश सरकार भी पूंजीपतियों के पक्ष में काम कर रही हैं। इसीलिए किसान, मजदूर, छात्र, नौजवान सभी को मिलकर इन पूंजीवादी पार्टियों के खिलाफ उठ खड़ा होना चाहिए और इस व्यवस्था को उखाड़कर समाजवाद की स्थापना करना चाहिए। वैज्ञानिक समाजवादी व्यवस्था में ही किसानों और मजदूरों को राहत मिल सकती है और वे एक खुशहाल जीवन जी सकते हैं। अतः हमें मिलकर पूंजीवाद विरोधी समाजवादी व्यवस्था लाने के लिए प्रयास करना चाहिए।
इंकलाब जिंदाबाद!
पूंजीवाद-साम्राज्यवाद मुर्दाबाद!!
वैज्ञानिक समाजवाद जिंदाबाद!!!
दुनिया के मजदूरो, एक हो!!!!
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