संकट के दौरान अप्रत्याशित लॉक्ड डाउन से उपजे स्थिति से निपटने में पूरी तरह नाकामयाब
सरकारों का दावा है कि वो मजदूरों का ख्याल रख रही हैं। कैसे? मजदूरों को सुरक्षा देने वाले देश के श्रम कानूनों को खत्म करके!
काम के घण्टे को 8 घण्टे से बढ़ा कर 12 घण्टे कर के! यह मजदुरो के हित मे कैसे हो सकता है?
आज पूरे देश मे जगह-जगह मजदुरो, नागरिको एवम बुद्धिजीवियों द्वारा विरोध प्रदर्शन हो रहा है।
हम इस विरोध प्रदर्शन का पूरा समर्थन करते है।
साथी धनंजय का ग्राउंड रिपोर्ट
एक)
दो)
तीन)
साथी इंदरजीत का ग्राउंड रिपोर्ट
एक)
दो)
तीन)
साथी आदित्य कमल का रिपोर्ट
सरकारों का दावा है कि वो मजदूरों का ख्याल रख रही हैं। कैसे? मजदूरों को सुरक्षा देने वाले देश के श्रम कानूनों को खत्म करके!
काम के घण्टे को 8 घण्टे से बढ़ा कर 12 घण्टे कर के! यह मजदुरो के हित मे कैसे हो सकता है?
आज पूरे देश मे जगह-जगह मजदुरो, नागरिको एवम बुद्धिजीवियों द्वारा विरोध प्रदर्शन हो रहा है।
हम इस विरोध प्रदर्शन का पूरा समर्थन करते है।
साथी धनंजय का ग्राउंड रिपोर्ट
एक)
दो)
तीन)
साथी इंदरजीत का ग्राउंड रिपोर्ट
एक)
दो)
तीन)
साथी आदित्य कमल का रिपोर्ट
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